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समि ट लेखक के कार (Types of Corporate Author)

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संरचना/ वषयव तु

3. समि ट लेखक के कार (Types of Corporate Author)

सी सी सी म समि ट लेखक को न न ल खत तीन कार म बांटा गया है- 1. शासन (Government)''

2. सं था (Institution) 3. स मेलन (Conference)

4.ए ए ए आर-2 म समि ट लेखक को प ट प से अलग से नह ं वभािजत गया है।

फर भी इस सूची सं हता म व णत नयम के आधार पर इसे मुख प से न न ल खत पांच कारो म बांटा जा सकता है-

1. शासन (Government)'' 2. सं था (Institution) 3. स मेलन (Conference)

4. दश नयां, मेले, उ सव आ द (Exhibition, Fairs and Festivals) 5. रे डयो एवं टे ल वजन के (Radio and Television Stations)-

4. सी सी सी के सूचीकरण के नयम (Rules of Cataloguing of CCC)

4.1 शासन (Government)

रंगनाथन ने सी सी सी नयमांक FC22 के अ तगत शासन को न न ल खत कार प रभा षत कया है-

164 ''अथ 1 : एक नि चत भूभाग पर समि ट नकाय का पूण सी मत सं भुता का होना।

साधारणतया इसके कायकार, वधायी, या यक तथा शास नक काय होते ह। इसके अ य काय म सुर ा,कराधाम, वा ण य, जन-यातायात, संचार आ द ह, जो सं भुता के आधार पर सी मत होते रहते ह।

अथ 2: शासन वारा द त अ धकार के अ तगत एक नि चत भूभाग पर एवं

नि चंत सीमा पर वाय तता ा त थानीय सावज नक ा धकार, जो कसी नि चत थानीय सावज नक े म सेवाओं का नयमम, उ नयन तथा सेवाओं का ावधान करता है

अथ 3 : उपयु त प रभा षत अथ 1 अथवा 2 के अ तगत शासन के अंग।''

भारत सरकार अथ 1 के अनुसार, द ल यू न सपल कॉरपोरेशन अथ 2 व श ा वभाग, भारत सरकार अथ 3 के अनुसार शासन है।

4.1.1 शीषक के वरण के नयम (Rules of Choice of Heading)

सी सी सी म शासन के शीषक के वरण हेतु न न ल खत नयम का ावधान है- यि त बनाम शासन (Person V/s Government)

य द ंथ के मुखपृह पर लेखक य ववरण म मा शासन अथवा उनके अंग का नाम दया गया हो, तो शीषक वरण म कसी कार क क ठनाई नह ं होती तथा उ ह लेखक के प म वीकार कर उनके नामा तगत शीषक का नमाण कर लया जाता है। पर तु य द कसी

यि त का नाम तथा शासन या उसके अंग दोन ह लेखक के नाम के थान पर अं कत ह, तो शीषक के नधारण म क ठनाई होती है। सी सी सी म इस कार के लेखक य व के

समाधान के लए नयमांक GC31 व GC32 का ावधान है।

नयमांक GC31: य द थ समि ट नकाय के उ े य, काय या ि टकोण स ब धी

वैचा रक (deliberative), वधायी (Legistative), नदशा मक (Directive), या यक (Judical), शास नक (Administrative), अथवा सामा य कृ त (Routine character) का हो, तो ऐसे थ को समि ट नकाय का लेखक व दान कया जाना चा हये। मा इस कारण से क थ समि ट नकाय ारा का शत, व तीय सहायता ा त, मा यता ा त,

ायोिजत या ा धकृत है, उसे समि ट लेखक व का मानने का यथे ट कारण नह ं है और इसी

आधार पर यि तगत लेखक व को अ वीकार नह ं कया जा सकता।

नयमांक GC32 : य द थ का मु य काय ान के े क सीमाओं म वृ करना

या खर करना हो तथा थ म व णत एवं अ भ यि त क िज मेदार यि त पर हो, न क उस पद पर िजस पर क िजस पर क वह समि ट नकाय म आसीन है- चाहे वह वेतनभोगी

कमचार हो या अवैत नक अथवा समि ट नकाय का सद य हो तो उसे यि तगत लेखक का

थ माना जायेगा। य द थ के मुखपृठ पर जहां सामा यतया लेखक का नाम अं कत होता

है, वहां समि ट नकाय के पदा धकार के नाम का उझेख होने पर भी थ को यि तगत लेखक व का मानने का यथे ट कारण नह ं है और इसी आधार पर उसे समि ट लेखक व का

होने से भी अ वीकार नह ं कया जा सकता।

165 शासन बनाम सं था (Government V/s Institution)

कई सं थाएँ शासन वारा था पत अथवा व तीय सहायता ा त होती ह-जैसे रा य पु तकालय, कलकता; व व व यालय अनुदान आयोग, द ल भारतीय रजव बक आ द। य द थ के मुखपृठ पर शासन एवं सं था दोन के नाम लखक य ववरण म दए गये ह, तो

सूचीकार के सम शीषक वरण क क ठनाई आ जाती है.। सी सी सी म नयमाक GD2 व GD3 वारा इस व वा मक ि थ त का समाधान कया गया है।

नयमांक GD2 शासन लेखक के प म - य द कसी थ म ाथ मक काय का

नवाह हु आ हो (यथा शास नक तवेदन, वचार-वमश तवेदन, नदशन तवेदन तथा इसी

तरह के अ य थ) और शासन के थम ेणी आ द अंग के वारा न मत तथा अ भ य त वचार दए गए हो और उनका उ तरदा य व शासन व उसके अंग पर हो, तो ऐसे थ के

लए उ ह ह लेखक मानना चा हए।

नयमांक GD3 सं था लेखक के प म :- शोध, उ पादन, वा ण य, व तुओं क आपू त एवं जनसेवा काय म संल न वाय त अथवा अ वाय त संगठन को उस थ के लए

िजसके वचार तथा अ भ यि त के लए वे उ तरदायी है, उ ह सं थागत लेखक मानना चा हए।

य द सं था का ब ध शासन वारा होता है तथा उस पर शासन का वा म व हो, तो भी उसे

ह लेखक मानना चा हए।

इसी कार नयमाक GD8 म सूचीकरण पर पराओं क परेखा के अ तगत सं थाओं

को पांच समूह म वभ त कया गया है। इनके ारा सं थागत लेखक नधारण करने म सहायता मलती है।

शासन बनाम शासन के अंग (Governments V/s Organ Governments) य द कोई थ कसी शासन के थम ेणी के अंग वारा र चत हो तो स पूण शासन अथवा उस के अंग म से कसे थ का लेखक माना जाये, इस कार क व वा मक ि थ त के समधान के लए सी सी सी सूची स हंता म नयमांक GD2, JC21 व JC22 का ावधान

कया गया है।

नयमांक JC21. य द समि ट नकाय शासन का अंग हो तो बहु वषयी शीषक का

योग कया जाना चा हये।

नयमांक JC22 शासन के उपक पन म स पूण शासन को थम शीषक के प म योग करना चा हये।

य द कोई थ शासन के वतीय या अ य ेणी के अंग वारा र चत हो तो स पूण शासन, थम ेणी के अंग, वतीय या अ य णी के अंग म से कसे लेखक माना जाये, इस कार के लेखक य व व के समाधान के लये सी सी सी म नयमांक GD2 एवं JC66 का

ावधान कया गया है।

शासन त न ध मंडल भेजने वाल नकाय के म (Government as Delegated from Body)

166 कई बार त न धम डल अ तरा य सं थाओं, अ य देश या स मेलन म अपने देश का त न ध व करते हु ए वचार अ भ य त करते ह, उन वचार का उ तरदा य व कस पर हो- त नध व करने वाले देश पर, उस पर जहां त न ध व हु आ अथवा वयं त न ध म डल पर, जो क वयं एक समि ट नकाय है। इस कार क व वा मक ि थ त के

नवारण के लए नयमांक GD71 का ावधान है।

नयमांक GD71: िजस देश से त न ध म डल भेजा गया है उसे ह त न ध म डल वारा अ भ य त वचार के लए उ तरदायी मानते हु ए व शासन व त न ध मंडल के

नाम से शीषक नमाण कया जाना चा हये।

4.1.2 शीषक के उपक पन के नयम (Rules of Readering of Heading)

सी सी सी सूची सं हता म शीषक के उपक पन के लये न न ल खत नयम का

ावधान है:-

स पूण शासन (Whole Government)

नयमांक JC 1 : य द समि ट नकाय स पूण शासन हो, तो उसका नाम सीमा े का नाम होगा।

उदाहरणाथ : Rajasthan न क Government of Rajasthan Great Britain न क Government of Great Britain भाषा (Lenguage):

भौगो लक इकाई का नाम कस भाषा म लखा जाये, इसके लए न न ल खत नयम का ावधान है:-

नयमांक JB11: भौगो लक इकाई (Geographical entity) का नाम पु तकालय क इ ट भाषा (Favoured language) म हो, तो उसम लखा जाना चा हये।

यि टकरण (Individualization)

य द एक ह नाम क दो या भौगो लक इकाइयां हो, तो उनके नाम क सम पता को

समा त करने के लए यि टकारक पद जोड़ने का न न ल खत ावधान है : नयमांक GB31 य द दो या अ धक भौगो लक इकाइयां : - 1. समान नाम वाल ह,

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