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(1)

भाग ङ: लीवरेज अनुपात ढाांचा1

16. लीवरेज अनुपात 16.1 औचचत्य और उद्देश्य

िैज्विक वित्तीय संकट के अंतननयद्रहत कारिों में एक कारि था बैंककंग प्रिाली में तुलन पत्र एिं

तुलनपत्रेतर लीिरेज का अनतशय ननमायि। कई मामलों में बैंक जोणखम आधाररत सशक् त पूंजी

अनुपातों के रहते हुए भी अनतशय लीिरेज ननलमयत करते हैं। संकट के सबसे भीिितम समय के

दौरान, बाजार ने बैंककंग सेक् टर को अपना लीिरेज कम करने के ललए इस कदर बाध् य कर द्रदया कक इसके पररिामस् िरूपप आज्स्त कममतों पर अधोमुखी दबाि पड़ा। इस डिलीिरेज्जंग प्रकिया के कारि

घाटे, धगरती बैंक पूंजी और ऋि उपलब्धता में संकुिन के बीि प्रनतगामी संबंध और भी बबगड़ गया।

अतएि, बासल III के अंतगयत एक सरल, पारदशी, गैर-जोणखम आधाररत लीिरेज अनुपात शुरूप ककया

गया है। इस लीिरेज अनुपात को जोणखम धाररत पूंजी अपेक्षाओं के एक विव िसनीय पूरक उपाय के

रूपप में कायय करने के ललए अंककत ककया गया है तथा इससे ननम्नललणखत उद्देवयों को प्राप्त करने

का लक्ष्य है:

(क) अज्स्थरता उत्पन्न करने िाली डिलीिरेज प्रकिया से बिने के ललए बैंककंग क्षेत्र में

लीिरेज के अनतशय ननमायि को ननयंबत्रत करना, जो समग्र वित्तीय प्रिाली और अथयव्यिस्था को क्षनत पहुंिा सकती है; और

(ख) जोणखम आधाररत अपेक्षाओं को सरल, गैर-जोणखम आधाररत ‘बैक स्टॉप’ उपाय कम सहायता से सुदृढ़ करना।

16.2 लीवरेज अनुपात की पररभाषा, न्यूनतम अपेक्षा तथा कायाान्वयन का दायरा

पररभाषा और न्यूनतम अपेक्षा

बासल III लीिरेज अनुपात को पूंजी मापक (गिक) को एक्सपोजर मापक (भाजक) द्िारा विभाज्जत करके पररभावित ककया गया है, ज्जसका यह अनुपात प्रनतशत के रूपप में व्यक्त ककया जाता है।

1 कृपया भारत में बासल III पूंजी विननयमािली का कायायन्ियन पर जारी द्रदनांक 02 मई 2012 के पररपत्र बैंपविवि.बीसी.98/21.06.201/2011-12 का अनुबंध 5 देखें । इन अनुदेशों कों बासल III पूंजी विननयमािली पर द्रदनांक 01 जुलाई 2014 के मास्टर पररपत्र बैंपविवि.सं.बीसी.6/21.06.201/2014-15 में शालमल ककया गया है।

(2)

16.2.1 बासल सलमनत 01 जनिरी 2017 तक के पैरलल रन पीररयि के दौरान 3% का न्यूनतम द्रटयर 1 लीिरेज अनुपात का परीक्षि करने के ललए संशोधधत संरिना2 का प्रयोग करेगी। बासल सलमनत लीिरेज के अनुपात के ललए पूंजी आकलन के रूपप में सामान्य इज्क्िटी टीयर 1 (सीइटी 1) अथिा कुल विननयामक पूंजी के प्रयोग के प्रभाि पर नजर रखना जारी रखेगी। 01 जनिरी 2018 को वपलर 1 ट्रीटमेंट में अंतरि करने कम दृज्टट से इस पररभािा में अंनतम बदलाि तथा आगे अन्य कोई भी समायोजन 2017 तक पूरा कर ललया जाएगा।

16.2.2. ितयमान में भारतीय बैंककंग प्रिाली 4.5% से अधधक लीिरेज अनुपात पर पररिालन कर रही है। बासल सलमनत द्िारा 2017 के अंत तक ननधायररत अंनतम ननयमों को ध्यान में रखते हुए अंनतम न्यूनतम लीिरेज अनुपात का ननधायरि ककया जाएगा। इस बीि, ये द्रदशाननदेश बैंकों द्िारा

पैरेलल रन तथा नीिे पैरा 6.6 में रेखांककत प्रकटीकरि में प्रयोजन के ललए आधार का काम करेंगे।

इस अिधध के दौरान रऱििय बैंक 4.5% के ननदेशात्मक लीिरेज अनुपात पर अलग-अलग बैंकों कम ननगरानी करेगा। संिमिकालीन अन्य व्यिस्थाओं का उल्लेख नीिे पैराग्राफ 16.5 में ककया गया है।

समेकन का दायरा

16.2.3 बासल III लीिरेज अनुपात संरिना में उसी विननयामक समेकन के दायरे का पालन ककया

जाएगा, जो जोणखम आधाररत पूंजी संरिना3 के ललए प्रयुक्त होता है।

16.2.4

उन बैंककंग, वित्तीय, बीमा और िाणिज्ययक संस्थाओं कम पूंजी में ननिेशों का ट्रीटमेंट, जो

समेकन के विननयामक दायरे से बाहर हैं:

ऐसे मामलो में, जहां कोई बैंककंग, वित्तीय, बीमा या

िाणिज्ययक संस्था विननयामक समेकन के दायरे के बाहर है, केिल ऐसी संस्थाओं कम पूंजी में ननिेश (अथायत ननिेशक कम आधारभूत आज्स्तयों तथा अन्य एक्सपोजरों में से ननिेश का केिल बही मूल्य) को लीिरेज अनुपात एक्सपोजर मापन में शालमल ककया जाना िाद्रहए। तथावप, बासल III पूंजी

विननयमािली पर पैरा 4.4 मास्टर पररपत्र के विननयामक समायोजन/कटौनतया 44 में ननधायररत ककए अनुसार ऐसी संस्थाओं कम पूंजी में ननिेश, ज्जन्हें द्रटयर 1 पूंजी में से घटाया गया है (अथायत तदनुरूपप कटौती विधध के अनुसार सामान्य इज्क्िटी द्रटयर 1 पूंजी में से घटाए गए अथिा अनतररक्त द्रटयर 1 पूंजी में से घटाए गए), को लीिरेज अनुपात एक्सपोजर के मापन में शालमल नहीं ककया

जाए।

2कृपया बैंककंग पययिेक्षि पीआर बासल सलमनत द्िारा जनिरी 2014 में जारी ‘ बासल III लीिरेज अनुपात संरिना और प्रकटीकरि अपेक्षएं “ देखें । ये अपेक्षाएं बासल III के खंि V: अधधक लिीले बैंकों और बैंककंग प्रिाललयों के ललए िैज्विक विननयामक ढांिा, द्रदसंबर 2010 (संशोधधत जून 2011) में कम गई अपेक्षाओं का अधधिमि करती हैं।

3 कृपया बासल III पूंजी विननयमािली पर 01 जुलाई 2014 के मास्टर पररपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.6/21.06.201/2014- 15 का पैरा 3 : पूंजी पयायप्तता ढांिा लागू करने का दायरा देखें। कृपया दी.25 फरिरी 2003 का पररपत्र बैंपविवि.बीपी.बीसी.72/21.04.018/2001-02 तथा द्रदनांक 12 द्रदसंबर 2006 का पररपत्र बैंपविवि. सं.एफएसिी.

बीसी.46/24.01.028/2006-07 भी देखें।

4 पैरा 4.4 के उप-पैरा 4.4.1 से 4.4.96 में दशायए गए अनुसार सभी विननयामक समायोजन / कटौनतयााँ।

(3)

16.3 पूांजी आकलन

लीिरेज अनुपात के ललए पूंजी आकलन जोणखम आधाररत पूंजी संरिना 5 कम द्रटयर 1 पूंजी है5, ज्जसमें विलभन्न विननयामक समायोजन/ कटौनतयों और संिमि कालीन व्यिस्थाओं को ध्यान में

ललया गया है। दूसरे शब्दों में, ककसी भी विलशटट समय पर लीिरेज अनुपात के ललए प्रयुक्त पूंजी

आकलन उस समय जोणखम आधाररत संरिना के अंतगयत लागू द्रटयर 1 पूंजी आकलन होगा।

16.4 एक्सपोजर आकलन

16.4.1 आकलन के सामान्य ससद्धान्त

(i) लीिरेज अनुपात के ललए एक्सपोजर आकलन में सामान्यत: लेखांकन मूल्यों का पालन ककया

जाना िाद्रहए, बशते:

 एक्सपोजर आकलन में विननद्रदयटट प्रािधानों या लेखांकन मूल्यांकन समायोजन (उदाहरिाथय लेखांकन ऋि मूल्यांकन समायोजन, उदा. एएफ़एस और एिएफटी पोजीशनों के ललए वििेकपूिय मूल्यांकन समायोजन) को घटा कर तुलनपत्र में गैर िेररिेद्रटि एक्सपोजरों को

शालमल ककया जाता है।

 ऋिों और जमारालशयों के समायोजन कम अनुमनत नहीं है।

(ii) जब तक कक नीिे लभन्न रूपप में विननद्रदयटट न ककया जाए, बैंकों को एक्सपोजर आकलन को कम करने के ललए भौनतक या वित्तीय संपाज्वियक, गारंद्रटयां या ऋि जोणखम कम करने कम अन्य तकनीकों को नहीं अपनाना िाद्रहए।

(iii) ककसी बैंक का समग्र एक्सपोजर आकलन ननम्नललणखत एक्सपोजरों का योग होगा:

(क) तुलनपत्र में शालमल एक्सपोजर;

(ख) िेररिेद्रटि एक्सपोजर;

(ग) प्रनतभूनत वित्तीयन लेनदेन (एसएफटी) एक्सपोजर और (घ) तुलनपत्रेतर (ओबीएस) मदें।

इन िार मुख्य एक्सपोजर प्रकारों के ललए ककए जाने िाले विननद्रदयटट ट्रीटमेंट को नीिे पैरा 16.4.2 से 16.4.5 में पररभावित ककया गया है।

16.4.2 तुलन पत्र में शासमल एक्सपोजर

16.4.2.1 बैंकों को अपने तुलनपत्र में शालमल िेररिेद्रटि संपाज्वियक तथा एसएफटी के ललए संपाज्वियक सद्रहत तुलनपत्र में मौजूद सभी आज्स्तयों को अपने एक्सपोजर आकलन में शालमल करना िाद्रहए।

5बासल III पूंजी विननयमािली पर 01 जुलाई 2014 के मास्टर पररपत्र बैंपविवि.बीपी.बीसी.6/21.06.201/2014-15 के पैरा

4: विननयामक पूंजी कम बनािट में यथापररभावित द्रटयर 1 पूंजी।

(4)

इसका अपिाद केिल ऐसे तुलनपत्र में मौजूद िेररिेद्रटि और एसएफटी आज्स्तयां होंगी, ज्जन्हें नीिे

पैरा 16.4.3 और 16.4.4 में किर ककया गया है6

16.4.2.2 तथावप, सुसंगनत सुननज्वित करने के ललए बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा 4.4 – विननयामक समायोजन / कटौनतयााँ7 में ननधायररक ककए गए अनुसार द्रटयर 1 पूंजी में

से घटाई गई तुलनपत्र आज्स्तयों को एक्सपोजर आकलन में से घटाया जा सकता है। नीिे दो

उदाहरि द्रदए गए हैं :

 जहां ककसी बैंककंग, वित्तीय या बीमा संस्था को समेकन के विननयामक दायरे में शालमल नहीं

ककया गया है (जैसाकक पैरा 16.2.3 में द्रदया गया है), उस संस्था कम पूंजी में ननिेश कम गई ककसी भी रालश रालश, ज्जसे बैंक कम सीईटी1 पूंजी या अनतररक्त द्रटयर 1 पूंजी में से पूियत:

या आंलशक रूपप से काटा गया है (बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा

3.3.2 और 4.4.9.2 (ग) के अनुसार), को एक्सपोजर आकलन में से भी घटा द्रदया जाए।

 ऋि जोणखम के ललए पूंजी अपेक्षाओं के ननधायरि हेतु आंतररक रेद्रटंग आधाररत (आईआरबी) विधध का प्रयोग करने िाले बैंकों के ललए बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के

पैरा 4.4.4 में यह अपेक्षक्षत है कक िे संभावित हाननयों से संबंधधत पात्र प्रािधानों के स्टॉक में

ककसी भी कमी कम कटौती सीईटी 1 पूंजी में से करं। िही रालश एक्सपोजर आकलन में से

भी घटा दी जानी िाद्रहए।

 16.4.2.3 एक्सपोजर आकलन में से देयता मदों कम कटौती नहीं कम जानी िाद्रहए।

उदाहरिाथय बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा 4.4.6 में द्रदए गए अनुसार बैंक के अपने ऋि जोणखम में बदलाि के कारि उधित मूल्य कम देयताओं पर लाभ / हानन अथिा िेररिेद्रटि देयताओं पर लेखांकन मूल्य समायोजन के ललए एक्सपोजर आकलन में से कटौती नहीं कम जानी िाद्रहए।

16.4.3 डेररवेटिव एक्सपोजर

16.4.3.1

डेररवेटिव का ट्रीिमेंि

: िेररिेद्रटि दो प्रकार के एक्सपोजर का ननमायि करते हैं।

(क) िेररिेद्रटि संविदा के तहत उत्पन्न होनेिाला एक्सपोजर; तथा (ख) प्रनतपक्षी ऋि

जोणखम (सीसीआर) एक्सपोजर।

6 जहााँ कोई बैंक अपनी पररिालनात्मक लेखांकन संरिना के अनुसार तुलनपत्र में प्रत्ययी (fiduciary) आज्स्तयों को

मान्यता देता है, िहााँ इन आज्स्तयों को लीिरेज अनुपात एक्सपोजर आकलन में से छोड़ा जा सकता है, बशते कक ये

आज्स्तयां मान्यता समाप्त करने के ललए आईएस – 39 मानकों को पूरा करती हों और असमेकन के ललए आईएफआरएस 10 मानदंिो को पूरा करती हों। लीिरेज अनुपात का प्रकटीकरि करते समय बैंकों को पैरा 16.7.4 में ननधायररत ककए गए अनुसार ऐसी अ-मान्य प्रत्ययी मदों कम सीमा का भी प्रकटन करना िाद्रहए।

7सभी विननयामक समायोजन/कटौनतयों को बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा 4.4 में दशायया गया

है।

(5)

लीिरेज अनुपात संरिना में इन दोनों प्रकार के एक्सपोजर का पता लगाने हेतु नीिे द्रदए गए तरीके

का प्रयोग ककया जाता है।

16.4.3.2 ऋि िेररिेद्रटि का प्रयोग करते हुए संरक्षि कम बबिम सद्रहत बैंकों को ितयमान एक्सपोजरों

के ललए प्रनतस्थापना लागत (आर सी)8 के रूपप में अपने िेररिेद्रटि एक्सपोजरों कम गिना करनी

िाद्रहए,9 (पैरा 16.4.3.3 में द्रदए गए अनुसार)। यद्रद बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के अनुबंध 20 (भाग ख) में विननद्रदयटट ककए गए अनुसार यद्रद िेररिेद्रटि एक्सपोजर पात्र द्विपक्षीय नेद्रटंग करार द्िारा किर होता है,10 तो नीिे पैरा 6.4.3.4 में दशायये गए िैकज्ल्पक ट्रीटमेंट का प्रयोग ककया जाए11। ललणखत ऋि िेररिेद्रटि, नीिे पैरा 16.4.3.II से 16.4.3.14 में ननधायररत ककए गए अनुसार एक अनतररक्त ट्रीटमेंट के अधीन होंगे।

16.4.3.3 ककसी एकल िेररिेद्रटि करार के ललए एक्सपोजर आकलन में शालमल कम जाने िली रालश का ननधायरि ननम्नानुसार ककया जाता है :

एक्स्पोजर आकलन = प्रनतस्थापन कम लागत (आरसी) + एि-आन

जहां, आरसी –करार कम प्रनतस्थापना लागत (बाजार दर पर प्राप्त), जहां करार का धनात्मक मूल्य है।

एि-आन = करार कम शेि अिधध पर पीएफई कम रालश, ज्जसकम गिना िेररिेद्रटि कम अनुमाननत मूल रालश पर एि-आन तत्ि का प्रयोग करके कम गई है। एि-आन कारक बासल III पूंजी

विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा 5.15.3.5 कम सारिी 9 तथा पैरा 8.6.3 कम सारिी 22 तथा 23 में द्रदए गए हैं।

16.4.3.4 द्विपक्षीय ननिल ननधायरि: बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा

5.15.3.9 (i) तथा अनुबंध 20 (भाग ख) में विननद्रदयटट ककए गए अनुसार यद्रद कोई पात्र द्विपक्षीय

8यद्रद संबंधधत लेखांकन मानकों के अधीन कनतपय िेररिेद्रटि ललखतों के एक्सपोजर के आकलन के ललए कोई लेखांकन माप न हो, क्योंकक उन्हें (पूियतः) तुलनपत्रेतर धाररत ककया गया है, तो बैंक को प्रनतस्थापन लागत के रूपप में इन िेररिेद्रटि

के धनात्मक उधित मूल्य के जोड़ का प्रयोग करना िाद्रहए।

9 यह पद्धनत िेररिेद्रटि एक्सपोजर संबंधधत सीसीआर एक्सपोजर रालशयों कम गिना के ललए िालू एक्सपोजर प्रिाली

(सीईएम) के संदभय में है। बासल सलमनत इस पर वििार करेगी कक क्या पैरा 16.4.3.1 में िणियत िेररिेद्रटि द्िारा ननलमयत दोनों प्रकार के एक्सपोजरों का पता लगाने कम आिवयकता के संदभय में सीसीआर के ललए िूक पर एक्सपोजर (ईएिी) के

आकलन के ललए हाल ही में जारी कम गई मानकमकृत विधध उपयुक्त है या नहीं। भारत में पररिालन करने िाले बैंक तब तक सीईएम का प्रयोग करना जारी रख सकते हैं, जब तक भारतीय ररजिय बैंक द्िारा अन्यथा सूधित नहीं ककया जाता।

10ितयमान में, मास्टर पररपत्र के पैरा 5.15.3.9 में उज्ल्लणखत शतों के अधीन केिल बैंक के अहयताप्राप्त केंिीय प्रनतपक्षकारों

(क्यूसीसीपी) के प्रनत बैंक के एक्सपोजरों के मामले में प्रासंधगक है। ओटीसी िेररिेद्रटि के मामले में कृपया बैंक के

तुलनपत्रेतर एक्सपोजरों के ललए वििेकपूिय मानदंि – प्रनतपक्षी ऋि एक्सपोजरों कम द्विपक्षीय नेद्रटंग पर 01 अक्तूबर 2010 का पररपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.48/21.06.001/2010-11 देखें। उसमेंदशायए गए अनुसार िेररिेद्रटि संविदाओं के

कारि उत्पन्न बाजार दर पर (MTM) मूल्यों के द्िीपक्षीय नेद्रटंग कम अनुमनत नहीं है।

11ये नेद्रटंग के ननयम िॉस –प्रोिक्ट नेद्रटंग को छोड़ कर हैं, अथायत लीिरे़ि अनुपात एक्सपोजर के आकलन के ललए िॉस – प्रोिक्ट नेद्रटंग कम अनुमनत नहीं है।

(6)

ननिल ननधायरि करार अज्स्तत्ि में हो तो ऊपर पैरा 16.4.3.3 में द्रदए गए अनुसार करार में शालमल

िेररिेद्रटि एक्सपोजर के सेट के ललए प्रनतस्थापन लागत, ननिल प्रनतस्थापन लागत तथा एि-आन कारकों का जोड़ होगी।

16.4.3.5 संबंधधत संपाज्वियक का ट्रीटमेंट: िेररिेद्रटि करारों के संबंध में प्राप्त संपाज्वियक के लीिरेज पर दो प्रनतकारी प्रभाि होते हैं:

 यह प्रनतपक्षी एक्सपोजर को घटाता है, ककंतु

 यह बैंक को उपलब्ध आधथयक संसाधनों को बढ़ा भी सकता है, क्योंकक बैंक स्ियं के

लाभ/लीिरेज के ललए उक्त संपाज्वियक का उपयोग कर सकता है।

16.4.3.6 ऐसा नहीं है कक िेररिेद्रटि करारों के संबंध में प्राप्त संपाज्वियक से बैंक कम िेररिेद्रटि ज्स्थनत में अंतननयद्रहत लीिरेज में कमी आ जाए, लेककन यद्रद अंतननयद्रहत िेररिेद्रटि करार से उत्पन्न ननपटान एक्सपोजर को कम नहीं ककया जाए तो ऐसा हो भी सकता है। आम तौर पर प्राप्त संपाज्वियक कम

िेररिेद्रटि एक्सपोजरों पर नेद्रटंग नहीं कम जा सकती, िाहे बैंक के पररिालनगत लेखांकन अथिा

जोणखम आधाररत संरिना के अंतगयत नेद्रटंग कम अनुमनत हो या नहीं हो। अतएि, यह सूधित ककया

जाता है कक उपयुयक्त पैरा 6.4.3.2 से 16.4.3.4 का प्रयोग करते हुए एक्सपोजर रालश कम गिना

करते समय बैंक को प्रनतपक्षकार से प्राप्त ककसी संपाज्वियक से एक्सपोजर रालश को घटाना नहीं

िाद्रहए।

16.4.3.7 इसी प्रकार, प्रदान ककए गए संपाज्वियक के संबंध में बैंकों को िाद्रहए कक िे जहााँ संपाज्वियक प्रदान करने के पररिामस्िरूपप उनके पररिालनगत लेखांकन संरिना के अंतगयत उनकम तुलनपत्र कम आज्स्तयों का मूल्य कम हुआ हो, िहां िे प्रदान ककए गए िेररिेद्रटि संपाज्वियक कम रालश तक अपने

एक्सपोजरका आकलन करें।

16.4.3.8 नकद घि बढ़ मार्जान का ट्रीिमेंि

लीिरेज अनुपात के प्रयोजन से िेररिेद्रटि एक्सपोजर के ट्रीटमेंट में प्रनतपक्षकारों के बीि घट- बढ़

(variation) माज्जयन के नकद भाग को ननपटान –पूिय भुगतान के प्रकार के रूपप में देखा जाना

िाद्रहए, यद्रद ननम्नललणखत शतें पूरी कम गई हों-

(i) ककसी अहयताप्राप्त केंिीय प्रनतपक्षकर (क्यूसीसीपी)12 के माध्यम से ननपटाए न गए सौदों के ललए प्राप्तकताय प्रनतपक्षकार द्िारा प्राप्त कम गई नकद रालश को पृथक नहीं

ककया जाता।13

12 क्यूसीसीपी बासल III पूंजी विननयमािली के पैरा 5.15.3.3 में यथापररभावित।

13 नकद घट-बढ़ माज्जयन ए-पृथक्करि मानदंिों का पूरा करेगा, यद्रद प्राप्तकताय प्रनतपक्षकर के प्राप्त नकद का उपयोग करने

कम क्षमता पर कोई प्रनतबंध न हों (अथायत प्राप्त नकद घट-बढ़ माज्जयन का प्रयोग अपनी स्ियं कम नकद रालश कम तरह

(7)

(ii) िेररिेद्रटि पोजीशनों14 के बाजार-दर पर मूल्यांकन के आधार पर घट-बढ़ माज्जयन कम दैननक आधार पर गिना और विननमय ककया जाता है।

(iii) नकद घट-बढ़ माज्जयन को उसी मुिा में प्राप्त ककया जाता है, ज्जस मुिा में िेररिेद्रटि

करार का ननपटान ककया गया है।15

(iv) प्रनतपक्षकार पर लागू प्रारंलभक सीमा और न्यूनतम अंतरि रालशयों कम शतय पर विननयम ककया गया घट-बढ़ माज्जयन िेररिेद्रटि के बाजार दर पर एक्सपोजर को

पूियतः समाप्त करने के ललए आिवयक पूिय रालश है।16

(v) िेररिेद्रटि लेनदेनों कम प्रनतपक्षकार विधधक संस्थाओं के बीि एक एकल मास्टर नेद्रटंग करार (एमएनए)17, 18 के द्िारा िेररिेद्रटि लेनदेनों और घट-बढ़ माज्जयन को किर ककया जाता है। एमएनए में यह स्पटट कहा गया हो कक यद्रद ककसी भी प्रनतपक्षकार के संबंध में कोई िेडिट घटना होती है, अथिा प्राप्त अथिा उपलब्ध कराए गए घट- बढ़ माज्जयन को द्रहसाब में लेते हुए प्रनतपक्षकार ऐसे नेद्रटंग करार में शालमल ककसी

भुगतान दानयत्ि का ननिल ननपटान करने के ललए सहमत हैं। िूक और ऋि शोधन क्षमता अथिा दीिाललयापन कम ज्स्थनतयों सद्रहत सभी संबंधधत क्षेत्राधधकारों में

एमएनए विधधक रूपप से प्रितयनीय और प्रभािी19 होना िाद्रहए।

16.4.3.9 यद्रद पैराग्राफ 16.4.3.8 मे दी गई शतें पूरी हों, तो प्राप्त घट-बढ़ माज्जयन के नकद भाग को लीिरेज अनुपात एक्सपोजर आकलन के प्रनतस्थापन लागत अनुपात को घटाने के ललए प्रयोग ककया जा सकता है, तथा प्रािधाननत नकद घट-बढ़ माज्जयन में से प्राप्य आज्स्तयों को लीिरेज अनुपात एक्सपोजर माप में से ननम्नानुसार घटाया जा सकता है।

ककया जाता हो)। इसके अनतररक्त इस मानदंि को तभी पूरा ककया जा सकेगा, जब प्राप्तकताय प्रनतपक्षकार को प्राप्त नकद रालश को कानून, विननयम या प्रनतपक्षकार के साथ ककसी करार द्िारा के अनुसार पृथक्करि करना अपेक्षक्षत नहीं हो।

14इस मानदंि को पूरा करने हेतु िेररिेद्रटि ज्स्थनतयों का दैननक मूलयंकन ककया जाना िाद्रहए तथा नकद घट-बढ़ माज्जयन को दैननक रूपप से प्रनतपक्षकार को अथिा प्रनतपक्षकार के खाते, में जैसा उधित हो, अंतररत ककया जाना िाद्रहए।

15इस पैराग्राफ के ललए ननपटान कम मुिा का आशय िेररिेद्रटि संविदा में विननद्रदयटट ननपटान कम मुिा से है, जो अहयताप्राप्त मास्टर नेद्रटंग करार (एमएनए) अथिा अहयताप्राप्त एमएनए कम ऋि सहायता अनुसूिी (सीएसए) का संिालन करती है।

बासल सलमनत इस संबंध में उधित ट्रीटमेंट के ललए इस मामले कम आगे और समीक्षा करेगी।

16वपछले द्रदन के अंत में बाजार मूल्यों के आधार पर उसके बाद िाले कारोबारी द्रदन कम सुबह विननमय ककए गए नकद घट-बढ़ माज्जयन इस मानदंि को पूरा करेगा, बशते कक लागू प्रारंलभक सीमा और न्यूनतम अंतरि रालशयों के अधीन विननमय कम गई घट-बढ़ माज्जयन रालश ऐसी पूिय रालश हो, जो िेररिेद्रटि के बाजार दर पर एक्सपोजर को पूियतः समाप्त करने के ललए आिवयक है।

17इस प्रयोजन के ललए एक मास्टर एमएनए को एकल एमएनए माना जा सकता है।

18इस पैराग्राफ में “मास्टर नेद्रटंग करार” का मानदंि ज्जस सीमा तक शालमल ककया गया है, एक पाररभाविक शब्द को

इसप्रकार पढ़ा जाए ज्जसमें ककसी ‘नेद्रटंग करार' को शालमल ककया गया हो, जो ऑफसेट के विधधक रूपप से प्रितयनीय अधधकार उपलब्ध करता हो। इसमें इस तथ्य को ध्यान में ललया जाना िाद्रहए कक केंिीय प्रनतपक्षकारों द्िारा ककए गए नेद्रटंग करारों के ललए ितयमान में कोई मानकमकरि नहीं ककया गया है।

19एक मास्टर नेद्रटंग करार द्िारा मानदंि को पूरा ककया माना जाएगा, यद्रद यह बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र के पैरा 5.15.3.9 (i) तथा अनुबंध 20 (भाग ख) में विननद्रदयटट शतों को पूरा करता है।

(8)

 प्राप्त नकद घट-बढ़ माज्जयन के मामले में प्राप्तकताय बैंक को िाद्रहए कक यद्रद िेररिेद्रटि करार (रों) के धनात्मक बाजार मूल्य को बैंक के पररिालनगत लेखांकन मानक के अंतगयत प्राप्त नकद घट-बढ़ माज्जयन के समतुल्य रालश के बराबर पहले से घटाया न गया हो तो िह प्राप्त नकद रालश कम सीमा तक िेररिेद्रटि आज्स्त कम एक्सपोजर रालश कम प्रनतस्थापन लागत को

घटा दे (लेककन पूरक भाग नहीं)।

 ककसी प्रनतपक्षकार को उपलब्ध कराए गए घट-बढ़ माज्जयन के मामले में जहााँ बैंक के

पररिालनात्मक लेखांकन ढांिे के अंतगयत नकद घट-बढ़ माज्जयन को आज्स्त के रूपप में

मान्यता दी गई है िहां प्रविज्टट करने िाला बैंक अपने लीिरेज अनुपात एक्सपोजर आकलन में से पररिामी प्राप्य रालशयों को घटा सकता है।

पीएफई रालश को घटाने के ललए नकद घट-बढ़ माज्जयन का प्रयोग नहीं ककया जाना िाद्रहए।

16.4.3.10 समाशोधन सेवाओां का ट्रीिमेंि: जहााँ समाशोधन सदस्य (सीएम)20 के रूपप में कायय करते

हुए कोई बैंक ग्राहकों को समाशोधन सेिाएाँ देता है, िहां समाशोधन सदस्य का केंिीय प्रनतपक्षकार के

प्रनत व्यापार (trade) एक्सपोजर21 तब उत्पन्न होता है, जब सीसीपी के िूक कर जाने कम ज्स्थनत में

समाशोधन सदस्य लेनदेन के मूल्य मे पररितयन के कारि हुई हाननयों कम प्रनतपूनतय ग्राहकों को करने

के ललए बाध्य होता है।

इसे उसी प्रकार के ट्रीटमेंट द्िारा दजय ककया जाना िाद्रहए, जो िेररिेद्रटि लेनदेनों के अन्य ककसी

प्रकार के ललए कम जाती है। तथावप, ग्राहक के साथ कम गई करार व्यिस्था के आधार पर यद्रद क्यूसीसीपी िूकों कम ज्स्थनत में लेनदेनों के मूल्य में पररितयन के कारि होने िाली ककसी भी हानन के

ललए ग्राहक को प्रनतपूनतय करना समाशोधन सदस्य का दानयत्ि नहीं हो, तो समाशोधन सदस्य के

ललए लीिरे़ि अनुपात एक्सपोजर आकलन22 में क्यूसीसीपी के पररिामी व्यापार एक्सपोजर को

शालमल करने कम जरूपरत नहीं है।

16.4.3.11 जहााँ ग्राहक केंिीय प्रनतपक्षकार के साथ सीधे ही िेररिेद्रटि लेनदेन करता है तथा

समाशोधन सदस्य सीसीपी को अपने ग्राहक के िेररिेद्रटि व्यापार एक्सपोजर के ननटपादन कम गारंटी

देता है, िहां सीसीपी के ग्राहक के समाशोधन सदस्य के रूपप में कायय करने िाले बैंक को पैरा

16.4.3.2 से 16.4.3.9 में ननधायररत ककए गए अनुसार िेररिेद्रटि एक्सपोजर के रूपप में गारंटी के

20समाशोधन सदस्य (सीएम) बासल III पूंजी विननयमािली पर मास्टर पररपत्र केपैरा 3.15.3.3 में यथापररभावित है।

21पैरा 16.4.3.9 तथा 16.4.3.10 के प्रयोजन से “व्यापार-एक्सपोजर ‘ में प्रारंलभक माज्जयन शालमल है, िाहे उसकम प्रविज्टट इस तरह से कम गई हो या नहीं, जो उसे केंिीय प्रनतपक्षकार के द्रदिाललयेपन से अलग रखे।

22बैंक से संलग्न ककसी संस्था, जो समाशोधन सदस्य (सीएम) का कायय करती हो, को बासल III लीिरेज अनुपात संरिना

के इस पैराग्राफ के प्रयोजन से एक ग्राहक माना जा सकता है यद्रद िह बासल III लीिरेज अनुपात को लागू ककए जाने िाले

स्तर पर संबंधधत विननयामक समेकन के दायरे से बाहर हो। इसके विपरीत, यद्रद कोई संलग्न संस्था विननयमक समेकन के

दायरे के भीतर आती हो, तो संलग्न संस्था और समाशोधन सदस्य के बीि व्यापार समेकन के दौरान समाप्त हो जाता

है, ककंतु समाशोधन सदस्य का अब भी अहयताप्राप्त केंिीय प्रनतपक्षकार के प्रनत व्यापार एक्सपोजर रहता है, ज्जसे

माललकाना माना जाएगा और इस पैराग्राफ में बताया गया अपिाद उस पर लागू नहीं होगा।

(9)

पररिामस्िरूपप संबंधधत लीिरेज अनुपात एक्सपोजर कम गिना इस प्रकार करनी िाद्रहए, जैसे कक िह नकद घट-बढ़ माज्जयन कम प्राज्प्त या प्रािधान सद्रहत, ग्राहक के साथ सीधे लेनदेन में शालमल रहा हो।

16.4.3.12 सलखित ऋण डेररवेटिव के सलए अततररक्त ट्रीिमेंि

करारों के उधित मूल्य से उत्पन्न होने िाले सीसीआर एक्सपोजर के साथ ही, ललणखत ऋि िेररिेद्रटि

ननद्रदयटट (reference) संस्था कम ऋिपात्रता से उत्पन्न कज्ल्पत ऋि एक्सपोजर का ननमायि करते

हैं। अतएि यह उधित होगा कम एक्सपोजर आकलन के ललए ललणखत ऋि िेररिेद्रटि को लगातार नकद ललखतों (जैसे ऋि, बांि) के साथ ट्रीट ककया जाए।

16.4.3.13 िेररिेद्रटि और अन्य संपाज्वियक के ललए उपयुयक्त सीसीआर ट्रीटमेंट के साथ ही

अंतननयद्रहत ननद्रदयटट संस्था के ऋि एक्सपोजर का पता लगाने हेतु एक्सपोजर आकलन में ललणखत ऋि िेररिेद्रटि द्िारा ननद्रदयटट प्रभािी कज्ल्पत रालश23 को शालमल ककया जाना िाद्रहए। ललणखत ललणखत ऋि िेररिेद्रटि कम प्रभािी कज्ल्पत राशी को द्रटयर 1 पूंजी कम गिना में ललणखत ऋि

िेररिेद्रटि24 के संबंध में शालमल कम गई उधित मूल्य रालश में ककसी ऋिात्मक पररितयन तक घटाया

जा सकता है। इसके पररिामस्िरूपप प्राप्त रालश को आगे उसी ननद्रदयटट नाम25, 26 पर खरीदे गए ऋि

िेररिेद्रटि कम प्रभािी कज्ल्पत रालश तक घटाया जा सकता है, बशते

23लेनदेन के स्िरूपप के द्िारा लीिरेज ककए गए अथिा अन्यथा बढ़ाए गए करारों के सही एक्सपोजर को दशायनेिाली

कज्ल्पत रालश के समायोजन से प्राप्त कम गई प्रभािी कज्ल्पत रालश।

24उधित मूल्य में ऋिात्मक पररितयन का आशय है द्रटयर 1 पूंजी में मान्यता प्राप्त ऋि िेररिेद्रटि का ऋिात्मक उधित मूल्य। यह ट्रीटमेंट इस तकय के अनुरूपप है कक एक्सपोजर आकलन में शालमल प्रभािी कज्ल्पत रालशयों कम अधधकतम सीमा

अधधकतम संभाव्य हानन के स्तर पर होगी। इसका अथय यह है कक ररपोद्रटिंग तारीख को अधधकतम संभाव्य हानन ऋि

िेररिेद्रटि कक कज्ल्पत रालश में से ऐसे ऋिात्मक उधित मूल्य को घटा कर प्राप्त कम जाएगी, ज्जसने पहले ही द्रटयर 1 पूंजी को घटा द्रदया है। उदाहरिाथय, यद्रद ककसी तारीख को ललणखत ऋि िेररिेद्रटि का धनात्मक उधित मूल्य 20 है, तथा

उसके बाद कम ररपोद्रटिंग तारीख को उसका ऋिात्मक उधित मूल्य 10 है, तो उस ऋि िेररिेद्रटि कम प्रभािी कज्ल्पत रालश को 10 तक घटा द्रदया जाना िाद्रहए। प्रभािी कज्ल्पत रालश को 30 तक नहीं घटाया जा सकता। तथावप, यद्रद बाद कम ककसी ररपोद्रटिंग तारीख को उस ऋि िेररिेद्रटि का धनात्मक उधित मूल्य 5 हो, तो प्रभािी कज्ल्पत रालश को बबल्कुल भी

नहीं घटाया जाना िाद्रहए।

25दो ननद्रदयटट नाम तभी एक जैसे माने जाएंगे जब िे एक ही विधधक इकाई के संदभय में हों। एकल नाम िाले िेडिट

िेरीिेद्रटि के ललए खरीदा गया संरक्षि जो द्वितीयक िरीयता प्रनतबद्धता से संबंधधत होउसे उसी विननद्रदयटट इकाई को , अधधक सुरक्षा प्राप्त प्रनतबद्दता के प्रनत बेिे गए संरक्षि से समंज्जत ककया जा

सकता है

जबकक अधधक सुरक्षा प्राप्त ,

संदलभयत आज्स्त के संबंध में हुए ककसी िेडिट इिेंट कम िजह से द्वितीयक िरीयता िाली आज्स्त केप्रनत भी िेडिट इिेंट उत्पन्न हो जाए।

26ललणखत ऋि िेररिेद्रटि कम प्रभािी कज्ल्पत रालश को उधित मूल्य में ककसी ऋिात्मक पररितयन, जो बैंक कम द्रटयर 1 पूंजी में प्रनतबबंबबत होता है, के द्िारा घटाया जा सकता है, बशते कक खरीदे गए ऋि संरक्षि के ऑफसेद्रटंग कम प्रभािी

कज्ल्पत रालश को भी द्रटयर 1 पूंजी में प्रनतबबंबबत उधित मूल्य में पररिामी धनात्मक पररितयन से घटाया जाए।

(10)

 एकल नाम पर ऋि िेररिेद्रटि27 के मामले में खरीदा गया ऋि संरक्षि ऐसे ननद्रदयटट दानयत्ि पर हो, जो ललणखत ऋि िेररिेद्रटि के अंतननयद्रहत ननद्रदयटट दानयत्ि के समरूपप या

उससे कननटठ हो, तथा

 खरीदे गए ऋि संरक्षि कम अिलशटट पररपक्िता ललणखत ऋि िेररिेद्रटि कम अिलशटट पररपक्िता के समान अथिा उससे अधधक होनी िाद्रहए।

16.4.3.14 िूंकक ललणखत ऋि िेररिेद्रटि को उनकम प्रभािी कज्ल्पत रालश पर एक्सपोजर आकलन में

शालमल ककया गया है, तथा िे पीएफई के ललए जोड़ी गई रालशयों के भी अधीन हैं, अतः ललणखत ऋि िेररिेद्रटि के ललए एक्सपोजर आकलन बढ़ा-िढ़ा कर द्रदखाया हो सकता है। अतएि, बैंक यद्रद

िाहें तो पैरा 16.4.3.2 से 16.4.3.428 में अपने सकल एि-ऑन में से ललणखत ऋि िेररिेद्रटि के

संबंध में अलग-अलग पीएफई के साथ जोड़ी गई रालश को घटा सकते हैं (जो पैरा 16.4.3.12 के

अनुसार समंज्जत (offset) नहीं है तथा ज्जसकम प्रभािी कज्ल्पत रालश एक्सपोजर आकलन में

शालमल कम गई है)।

16.4.4 प्रततभूतत ववत्तपोषण लेनदेन एक्सपोजर

16.4.4.1 ननम्नललणखत पररच्छेदों में िणियत ट्रीटमेंट के अनुसार एक्सपोजर आकलन में एसटीएफ29 शालमल ककए गए हैं। उक्त ट्रीटमेंट यह स्िीकार करता है कक एसटीएफ के रूपप में प्रनतभूत ऋि देना

और उधार लेना लीिरेज का एक महत्िपूिय स्रोत है, तथा यह पररिालनगत लेखांकन संरिनाओं में

प्रमुख अंतरों के संबंध में एक सामान्य आकलन उपलब्ध करा कर सुसंगत अंतरराटट्रीय कायायन्ियन सुननज्वित करता है।

16.4.4.2 सामान्य ट्रीिमेंि (प्रमुि के रूप में काया कर रहा बैंक):

ननम्नांककत उप-पैरा (क) और (ख) कम रालशयों के योग को लीिरेज अनुपात एक्सपोजर आकलन में

शालमल ककया जाना िाद्रहए :

(अ)लेखांकन के प्रयोजन से मान्यता प्राप्त सकल एसएफटी आज्स्तयों30 (अथायत ् लेखांकन नेद्रटंग के ललए मान्यता प्राप्त नहीं)31 को ननम्नानुसार समायोज्जत ककया गया -

27उत्पादों के अंश पर यद्रद लागू हो, तो उनके ललए खरीदे गए संरक्षि उसी स्तर कम िरीयता के ललए ननद्रदयटट दानयत्ि

होना िाद्रहए।

28इस पररच्छेद में िणियत दोहरी गिना से बिने कम दृज्टट से पीएफई एि-ऑन शून्य पर ननधायररत करें।

29एसएफटी जैसे पुनखयरीद करार, प्रनतिती पुनखयरीद करार, प्रनतभूनत उधर देना और उधार लेना, तथा माज्जयन उधार देने

जैसे लेनदेन हैं, जहााँ लेनदेन का मूल्य बाजार मूल्यांकन पर ननभयर करता है तथा ये लेनदेन अक्सर माज्जयन करारों के

अंतगयत ककए जाते हैं।

30क्यूसीसीपी के माध्यम से समाशोधधत और निीयन के अधीन एसएफटी के ललए “लेखांकन प्रयोजन से मान्यताप्राप्त सकाल एसएफटी आज्स्तयों “को अंनतम संविदात्मक एक्सपोजर द्िारा बदला जाता है, यह मानते हुए कक पहले से मौजूद संविदाओं को निीयन प्रकिया के द्िारा नए विधधक दानयत्िों में बदला गया है।

(11)

(i) जहााँ बैंक ने अपने तुलनपत्र पर ऐसी प्रनतभूनतयों को एक आज्स्त के रूपप में मान्यता

दी हो,32 िहां एक्सपोजर आकलन में से एसएफटी के अंतगयत प्राप्त ककसी भी

प्रनतभूनत के मूल्य को शालमल नहीं ककया जाए; तथा

(ii) यद्रद ननम्नललणखत मानदंि पूरे ककए जाते हैं तो एक ही प्रनतपक्षकार से एसएफटी के

अंतगयत देय तथा प्राप्य नकद रालश का ननिल मापा जाए:

(क) लेनदेनों कम सुननज्वित अंनतम ननपटान कम तारीख एक ही हो;

(ख) प्रनतपक्षकार को बकाया रालश का प्रनतपक्षकार कम ओर से बकाया रालश का समंजन करने का अधधकार सामान्य कारोबार के दौरान तथा (i) िूक (ii) ऋिशोधन; (iii) द्रदिाललयापन, दोनों ही ज्स्थनतयों में कानूनी तौर पर प्रितयनीय है; तथा

(ग) जो प्रनतपक्षकार ननिल (net) ननपटान करना िाहें, िे ननपटान एक साथ कर सकते हैं

अथिा लेनदेन एक ननपटान प्रिाली के अंतगयत होंगे, ज्जसका पररिाम ननिल ननपटान के

बराबर होगा; अथायत लेनदेनों के नकद प्रिाह एक समान होंगे, पररिामत: एक ननपटान तारीख को एक ही एकल ननिल रालश होगी। यह समानता प्राप्त करने के ललए दोनों

लेनदेनों का ननपटान एक ही ननपटान प्रिाली द्िारा ककया जाएगा तथा ननपटान व्यिस्था

नकद तथा / अथिा अंत:द्रदिलसय ऋि सुविधाओं द्िरा समधथयत होगी, ज्जसका उद्देवय यह सुननज्वित करना होगा कक दोनों लेनदेनों कननपटन कारोबार द्रदिस कम समाज्प्त तक ककया जाए तथा संपाज्वियक प्रिाहों के ललंकेज का पररिाम ननिल नकद ननपटान में

लशधथलता नहीं होना िाद्रहए ।33, 34

31लेखांकन प्रयोजन के ललए मान्य सकल एसएफटी आज्स्तयों में देय नकद रालश के विरुद्ध प्राप्य नकद के ककसी लेखांकन ननिल को शालमल नहीं ककया जाना िाद्रहए (उदा. जैसा कक ितयमान में आईएफआरएस और यूएसजीएएपी लेखांकन ढांिों

के अंतगयत अनुमत है)। इस विननयामक ट्रीटमेंट का लाभ यह है कक इससे विलभन्न लेखांकन व्यिस्थाओं में उत्पन्न होने

िाली नेद्रटंग असंगनतयों से बिा जा सकता है।

32उदाहरिाथय, यह यूएसजीएएपी के अंतगयत प्रयुक्त हो सकता है, जहााँ ककसी एसएफटी के अंतगयत प्राप्त प्रनतभूनतयों को

ऐसी आज्स्तयों के रूपप में मान्यता दी जाती है, मानों प्राप्तकताय को पुनःबंधक रखने का अधधकार है, ककंतु उसने ऐसा नहीं

ककया है ।

33इस बाद िाली शतय से यह सुननज्वित ककया जाता है कक एसएफटी के प्रनतभूनत िाले द्रहस्से के कारि उत्पन्न होने िाले

कोई भी मुद्दे प्राप्य और देय नकद के ननिल ननपटान के पूिय होने में हस्तक्षेप नहीं करते हैं।

34कायायत्मक समानता पाने के ललए सभी लेनदेनों का ननपटान एक ही ननपटान प्रिाली द्िारा ककया जाना िाद्रहए। ननपटान प्रिाली में ककसी एकल प्रनतभूनत लेनदेन असफल होने पर केिल उससे मेल खाने िाले नकद भाग में विलंब होना िाद्रहए, अथिा ननपटान प्रिाली में ककसी सहयोगी ऋि सुविधा द्िारा समवपयत दानयत्ि ननमायि होना िाद्रहए। इसके अनतररक्त, यद्रद ननपटान प्रिाली में ननपटान के ललए विंिो के अंत में ककसी लेनदेन के प्रनतभूनत भाग का ननपटान असफल होता है, तो इस लेनदेन तथा उससे मेल खाने िाले नकद भाग को नेद्रटंग सेट से अलग कर देना िाद्रहए तथा बासल III लीिरेज अनुपात एक्सपोजर आकलन के प्रयोजन से उसे सकल माना जाना िाद्रहए। विशेि रूपप से, इस पैरा के मानदंि का उद्देवय एक सुपुदयगी बनाम भुगतान (िीिीपी) ननपटान प्रिाली में बाधा िालना नहीं है, बशते कक ननपटान प्रिाली इस पैरा में ननधायररत कायायत्मक अपेक्षाओं को पूरा करती हो। उदाहरिाथय, एक ननपटान प्रिाली इन कायायत्मक अपेक्षाओं को पूिय कर सकती है, यद्रद ककसी असफल लेनदेन (अथायत अंतरि में असफल प्रनतभूनतयां और संबंधधत प्राप्य या भुगतान योग्य नकद रालश ) का

ननपटान ककए जाने तक उसे ननपटान प्रिाली में पुनः प्रविटट ककया जा सके।

References

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